बच्चन परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, इस दिग्गज कलाकार ने दुनिया को कह दिया अलविदा, बॉलीवुड में छाया मातम

हिंदी टेलीविजन के युग निर्माता और ‘ओम नमः शिवाय’ तथा ‘जय महालक्ष्मी’ जैसे कालजयी धारावाहिकों के निर्देशक धीरज कुमार का लंबी बीमारी के बाद 21 जुलाई 2025 को मुंबई में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे। उनके अस्वस्थ होने की खबर तब सामने आई थी जब उन्हें गंभीर निमोनिया के कारण मुंबई के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहाँ कुछ दिनों के उपचार के बाद उनका निधन हो गया।

टीवी इतिहास के पुरोधा

धीरज कुमार ने 1980 के दशक से भारतीय टीवी उद्योग को अपनी रचनात्मक दृष्टि से समृद्ध किया। उनकी सबसे चर्चित कृति ‘ओम नमः शिवाय’ (1997) ने हिंदू पौराणिक कथाओं को घर-घर तक पहुँचाया और शिव-पार्वती की कथा को एक पूज्यनीय सांस्कृतिक प्रतीक बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने ‘जय महालक्ष्मी’, ‘जय गंगा मैया’ और ‘कृष्णा अर्जुन’ जैसे शो के माध्यम से पौराणिक एवं सामाजिक विषयों को सरलता से प्रस्तुत किया। उनकी कहानियों में नैतिक मूल्यों का समावेश और दृश्य संयोजन में सटीकता उनकी विशिष्ट पहचान थी।

प्रसिद्ध निर्देशक धीरज कुमार का 79 वर्ष की आयु में निधन

अपने पाँच दशक लंबे करियर में धीरज कुमार ने निर्देशन के अलावा निर्माण और लेखन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें 2000 में ‘ओम नमः शिवाय’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का इंडियन टेली अवार्ड मिला। वह टीवी के उस स्वर्णिम दौर के प्रतीक थे जब धारावाहिकों में गहन चरित्र-चित्रण और सांस्कृतिक प्रामाणिकता को प्राथमिकता दी जाती थी। उनके निधन पर आशीष शर्मा, सुदेश लहरी जैसे कलाकारों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि अर्पित की। धीरज कुमार के परिवार में उनकी पत्नी सुरेखा कुमार और पुत्र अमित कुमार शोकाकुल हैं। उनका अवसान भारतीय टेलीविजन के लिए एक अपूरणीय क्षति है, परंतु ‘ओम नमः शिवाय’ जैसी उनकी रचनाएँ सदैव उनकी कलात्मक विरासत को जीवित रखेंगी। उनके योगदान ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि करोड़ों दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई से जोड़ा।