तमिलनाडु में आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चेन्नई स्थित एक प्रमुख ठेकेदारी कंपनी के कार्यालयों और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की। इस बहु-स्थानीय ऑपरेशन में विभाग को 163 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 100 किलोग्राम से ज्यादा सोना बरामद हुआ है। यह कार्रवाई संदिग्ध कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है।जांच के अनुसार, मुख्य आरोपी मुरली कृष्णन का परिवार मूल रूप से मदुरै का एक छोटा बकरी व्यापारी था। पिछले 5 वर्षों में उसने अचानक रियल एस्टेट और ठेकेदारी व्यवसाय में विस्तार किया। विभाग का मानना है कि यह धन हवाला लेनदेन और बेनामी संपत्तियों के जरिए जमा किया गया था।
आयकर विभाग की एक विशेष टीम ने चेन्नई, अरुपुकोत्ताई, वेल्लोर और मदुरै में एसपीके समूह के 20 से अधिक परिसरों पर छापे मारे हैं, जिसमें सौ से ज्यादा अधिकारी शामिल रहे। यह अभियान ‘ऑपरेशन पार्किंग मनी’ के नाम से चलाया जा रहा है और सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रह सकती है। छापेमारी की जद में आए समूह के प्रमोटरों में नागराजन सेयादुराई प्रमुख हैं, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार सड़क निर्माण अनुबंधों से जुड़ी कंपनियों से जुड़े हुए हैं। सेयादुराई, जो एक प्रभावशाली एआईएडीएमके नेता के निकट संबंधी माने जाते हैं, ने जिन कंपनियों को बढ़ावा दिया है वे राज्य की कई प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं में कार्यरत हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कर चोरी से जुड़ी ठोस सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई, और कुछ ही घंटों में करीब 80 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई। चेन्नई स्थित निदेशकों के घरों और कार्यालयों में तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नगदी के बंडल, सोने के आभूषण और गोल्ड बिस्किट भी जब्त किए गए हैं। यह मामला देश में काले धन और भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या को दर्शाता है। आयकर विभाग की यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, ऐसे मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है।