अमेरिका में एक ईमानदार प्लंबर की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। न्यूयॉर्क के एक चर्च में काम कर रहे प्लंबर को दीवार में 4 करोड़ रुपये (लगभग 4,80,000 डॉलर) की नकदी मिली, जिसे उन्होंने बिना किसी लालच के चर्च प्रशासन को लौटा दिया। उनकी इस ईमानदारी के लिए चर्च ने उन्हें 15 लाख रुपये (18,000 डॉलर) का इनाम दिया है।
कैसे मिला खजाना
प्लंबर आशा मर्फी न्यूयॉर्क के एक चर्च में पाइपलाइन की मरम्मत का काम कर रही थीं। काम के दौरान उन्होंने दीवार के पीछे कुछ पुराने बक्से देखे। जब उन्होंने बक्से खोले, तो उनमें से सैकड़ों डॉलर के नोट निकले। कुल मिलाकर वहां लगभग 4,80,000 डॉलर (करीब 4 करोड़ रुपये) की नकदी थी। आशा ने तुरंत चर्च के पादरी को इसकी सूचना दी और पूरी राशि वापस कर दी।
ईमानदारी का मिला इनाम
चर्च प्रशासन आशा की ईमानदारी से इतना प्रभावित हुआ कि उन्हें 18,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) का इनाम दिया गया। चर्च के पादरी ने कहा, “आशा ने जो किया, वह सच्ची ईमानदारी का उदाहरण है। उन्होंने साबित किया कि इंसानियत अभी जिंदा है।”
पैसा किसका था
जांच में पता चला कि यह पैसा चर्च से जुड़े एक पुराने सदस्य का हो सकता है, जिसने इसे कई साल पहले दीवार में छुपा दिया था और बाद में इसके बारे में भूल गया। चर्च ने इस राशि को समाज सेवा और गरीबों की मदद में खर्च करने का फैसला किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
आशा की ईमानदारी की कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई है। लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं और उन्हें “रियल-लाइफ हीरो” बता रहे हैं। कई लोगों ने टिप्पणी की कि आज के समय में ऐसी ईमानदारी देखना दुर्लभ है।
आशा का संदेश
आशा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने बस वही किया जो हर इंसान को करना चाहिए। यह पैसा मेरा नहीं था, इसलिए मैंने इसे वापस कर दिया। मैं खुश हूं कि चर्च इस पैसे का सही इस्तेमाल करेगा।”
आशा मर्फी की यह कहानी हमें याद दिलाती है कि ईमानदारी और सच्चाई हमेशा सम्मान दिलाती है। उनकी इस सराहनीय पहल ने न केवल उन्हें इनाम दिलाया, बल्कि पूरी दुनिया को एक बेहतरीन सीख भी दी।